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    चिदंबरम ने यह प्रार्थना पत्र ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर किया

    चिदंबरम ने यह प्रार्थना पत्र ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर किया
    5 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिंदबरम के अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। चिदंबरम ने यह प्रार्थना पत्र ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रार्थना पत्र पर कोई 6 दिनों तक सुनवाई की और ईडी को गिरफ्तारी से रोके रखा। इस बीच कोर्ट ने ईडी के सभी आरोपों का गहनता के साथ अध्ययन किया। चिदंबरम की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे दिग्गज वकीलों ने पैरवी की, लेकिन ईडी की ओर से चिदंबरम के खिलाफ भ्रष्टाचार के जो सबूत पेश किए उसका कोई संतोषजनक जवाब कोर्ट में नहीं दिया जा सका। इसलिए 6 दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने ईडी को चिदंबरम को गिफ्तार करने की छूट दे दी। लेकिन फिलहाल ईडी को कोई जल्दबाजी नहीं है क्योंकि चिदंबरम 21 अगस्त से सीबीआई की रिमांड पर हैं। दिल्ली की सीबीआई अदालत द्वारा दिया गया रिमांड खत्म होगा तो चिदंबरम को न्यायिक हिरासत के लिए तिहाड़ जेल ही भेजा जाएगा। जब तक सीबीआई के मुकदमे में चिदंबरम हाईकोर्ट से जमानत प्राप्त करेंगे, तब तक ईडी चिदंबरम को गिरफ्तार कर लेगी। जानकार सूत्रों के अनुसार सीबीआई के मुकाबले में ईडी के अधिकारियों की पूछताछ ज्यादा कठिन होती है। पूछताछ में मानसिक प्रताडऩा भी बढ़ जाती है। ईडी के अधिकारियों की पूछताछ अलग तरीके से होती है। असल में चिदंबरम के भ्रष्टाचार पर सीबीआई और ईडी ने अलग अलग मामले दर्ज किए हैं। क्योंकि चिदंबरम ने केन्द्रीय वित्त मंत्री रहते हुए अपने अधिकारों से परे जाकर जिन कंपनियों को फायदा पहुंचाया, उन्हीं कंपनियों ने करोड़ों रुपए चिंदबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम की कंपनियों में जमा करवाए। चूंकि कार्ति चिदंबरम की कंपनियों के खाते विदेशों में भी हैं, इसलिए भ्रष्टाचार के इन मामलों में ईडी का दखल भी हो गया है। फिलहाल चिदंबरम को सीबीआई और ईडी की हिरासत से बाहर आना मुश्किल है।
    एयरसेल मैक्सिस केस में पिता-पुत्र को जमानत भी:
    पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया के मामलों में सीबीआई और ईडी की पूछताछ का सामना कर रहे हैं। इसी मामले में चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में हैं, जबकि ईडी गिरफ्तार करने की तैयारी में हैं। इस बीच चिदंबरम के लिए यह राहत की बात है कि एयरसेल मैक्सिस केस में दिल्ली की विशेष अदालत ने चिदंबरम और उनके पुत्र को अग्रिम जमानत दे दी है। इस मामले में भी आरोप है कि चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल मैक्सिस डील को मंजूरी दे दी, बाद में इन्हीं कंपनियों ने कार्ति चिदंबरम की कंपनियों में करोड़ों रुपया जमा करा दिया। हालांकि अब एयरसेल मैक्सिस केस में मिली अग्रिम जमानत को खारिज करवाने के लिए सीबीआई और ईडी हाईकोर्ट जाएंगे। मालूम हो कि आईएनएक्स मीडिया के मामले में हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज किए जाने के बाद ही चिंदबरम को गिरफ्तार किया गया था। चिदंबरम पर ऐसे कई मामले हैं जो केन्द्रीय वित्त मंत्री के पद के दुरुपयोग से जुड़े हुए है।

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