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    बुजुर्ग किसी भी परिवार के वो गहरी जड़ होते है, जिस पर पूरा परिवार टिका होता है---प्रियंका सिंह



    अंबेडकर नगर


    पद्म नारायण मिश्र, जनपद न्यायाधीश अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर के निर्देशानुसार वृद्धाश्रम, अकबरपुर अम्बेडकरनगर में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार विषय पर प्रियंका सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बेडकरनगर द्वारा इस विधिक साक्षरता शिविर में वृद्धाश्रम अकबरपुर से सत्यप्रकाश, प्रबन्धक, वृद्धाश्रम, अकबरपुर अम्बेडकरनगर द्वारा प्रतिभाग किया गया।शिविर को सम्बोधित करते हुये वृद्धाश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार के बारे में बताया कि बुजुर्ग किसी भी परिवार के हो, वो गहरी जड़ होते है, जिस पर पूरा परिवार टिका होता है। जिस तरह किसी पेड़ को मजबूत होने के लिये उसका जमीन में गहरी जड़ होना जरूरी है, जैसे किसी घर या बिल्डिंग को ऊंचाई में पहुंचाने के लिये गहरी नींव जरूरी है, उसी तरह परिवार को फलने-फूलने व एक साथ रहने के लिये बुजुर्ग की जरूरत है। आज के समय में बुजुर्गों की अनदेखी की समस्या इतनी विकराल रूप धारण करती जा रही है। वैसे तो देश में बुजुर्गों की रक्षा और उन्हें अधिकार दिलवाने के लिये भारत में भी कई कानूनों का निर्माण किया गया है लेकिन आज भी उनका पालन सही तरीके से नहीं किया जाता केन्द्र सरकार ने भारत में वरिष्ठ नागरिकों के आरोग्यता और कल्याण को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1999 में वृद्ध सदस्यों के लिये राष्ट्रीय नीति तैयार की है। जिसके तहत व्यक्तियों को स्वयं के लिये तथा उनके पति या पत्नी के बुढ़ापे के लिये व्यवस्था करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है और साथ ही परिवार वालों को वृद्ध सदस्यों की देखभाल करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता हैउन्होने बुजुर्गों के अधिकारों के बावत बताया कि माता पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के तहत अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक जो कि अपने आय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से भरण-पोषण करने में असमर्थ है वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा ऐसे संबंधितों से भरण पोषण प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकते हैं जिनका उनकी सम्पत्ति पर स्वामित्व है अथवा जो कि उनकी सम्पत्ति के उत्तराधिकारी हो सकते हैंl

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