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    आधी अधूरी तैयारियों के बीच जिले में आज से लागू होंगे नए मोटर प्राविधान

        अंबेडकरनगर। जिले में भी एक सितंबर से संशोधित मोटर वाहन अधिनियम लागू हो रहा है। इसमें काफी कड़े प्रावधानों की बात कही जा रही है। सड़क पर सलीके से चलने व हादसों पर रोक लगाने के लिहाज से इसे उचित भी कहा जा रहा है। वहीं, तमाम सवाल भी हैं, जिन्हें लेकर यहां के लोग सशंकित हैं। मसलन, इतने कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं, लेकिन जागरूकता फैलाने के नाम पर सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक कुछ नहीं किया गया। हालत यह है कि अभी ज्यादातर लोगों को मालूम ही नहीं है कि किस तरह के बदलाव हुए हैं। यहां तक कि अधिकारी तक कह रहे हैं कि प्रावधानों की पूरी जानकारी अभी ऑनलाइन नहीं हुई है। दूसरी तरफ लोगों के मन में नियमों की आड़ में उत्पीड़न का डर भी है। ऐसे में सिस्टम ने यह भी नहीं स्पष्ट किया है कि चेकिंग की फूल प्रूफ व्यवस्था होगी। साथ ही जिम्मेदार अधिकारी की निगरानी में ही चेकिंग होगी। लोगों के मन में डर है कि कहीं ऐसा न हो कि राह चलते चाहे जहां रोककर मनमानी की जाए। खैर, तमाम सवालों के बीच नये नियम लागू हो रहे हैं। अब बगैर हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाने, जरूरी कागजात न रखने, नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर भारी जुर्माना अदा करना होगा। उधर, नए नियमों का पालन कराने को लेकर एआरटीओ कार्यालय ने अब तक कोई कार्य योजना नहीं तैयार की है। कारण यह कि अब तक ई चालान सॉफ्टवेयर पर नई जुर्माना दर अपडेट नहीं की जा सकी है।  रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित पुष्पा पाल ने कहा कि जुर्माना राशि में भारी वृद्धि सड़क हादसों पर रोक लगाने के मकसद से की गई है। कई नये प्रावधान भी जोड़े गए हैं। यह सही है, लेकिन तमाम सवाल भी हैं जिनका जवाब देने की जरूरत नहीं समझी गई।  हमारे जिले में गांव तो छोड़िए शहर तक में रहने वालों का जागरूकता स्तर ऐसा नहीं है कि सब खुद ही समझ जाएं। ऐसे में इतने कड़े नियमों को लेकर लंबा जागरूकता अभियान चलाना चाहिए था। इसके बाद ही लागू करना था। कई चीजें ऐसी थी, जिन्हें पहले उल्लंघन नहीं माना जाता था पर अब माना जाएगा। ऐसे में बिना जागरूक किए सजा सुना देना कहां का इंसाफ है।  सामाजिक कार्यकर्ता अनंतराम वर्मा ने कहा कि सड़कों पर जानमाल का नुकसान रोकने के मकसद से यह नीति लागू की जा रही है, लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि बेकसूर वाहन चालकों का नुकसान नहीं होगा। मतलब सरकार ने ऐसी कोई नीति सार्वजनिक नहीं की कि चेकिंग व्यवस्था फूल प्रूफ होगी। किसी भी स्तर का पुलिस कर्मचारी कहीं भी रोककर मनमानी नहीं कर पाएगा, इसकी भी क्या गारंटी है। उनका कहना है कि जब इतने कड़े नियम लागू किए गए हैं तो चेकिंग का स्तर भी उच्च स्तर का होना चाहिए। कायदे से सीओ स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में ही टीम चेकिंग करे। कहीं भी और कभी भी चेकिंग का दौर खत्म हो।  चिकित्सक डा. हैदर मेहदी ने कहा कि जुर्माना बढ़ाना ठीक है, लेकिन सरकार को अपनी ट्रैफिक व्यवस्था भी देखनी चाहिए। शहर में ही देख लें यातायात नियमों का पालन कराने के लिए चौराहों पर जो व्यवस्था होनी चाहिए वह नहीं है। ऐसे में इन खामियों की वजह से नियमों का उल्लंघन हो जाता है तो कौन जिम्मेदार है। मसलन चौराहे पर स्टॉप लाइन ही मिटी हुई है तो वाहन चालक को कैसे पता चलेगा कि उसे कहां रुकना है। ऐसे में उसकी गाड़ी आगे निकल जाती है तो इसे आप नियमों का उल्लंघन कैसे कह सकते हैं। इसी तरह खराब सड़क बनाने वाले ठेकेदारों के लिए सिर्फ जुर्माने का प्रावधान है। सिर्फ आम वाहन चालकों के लिए ही क्यों उनके लिए भी जेल का प्रावधान करना चाहिए, क्योंकि खराब सड़क पर हादसों में कई लोगों की जा न जाती है  वहीं, नए नियमों का पालन कराने को लेकर शनिवार देर शाम तक एआरटीओ कार्यालय कोई कार्य योजना तैयार नहीं कर सका। एआरटीओ कार्यालय के अनुसार न तो शासन से अब तक इस संबंध में गाइड लाइन आई है और न ही ई चालान सॉफ्टवेयर को ही अपडेट किया जा सका है। एआरटीओ केएन सिंह के अनुसार, रुटीन जांच अभियान चल रहा है। अभी पुरानी जुर्माना लिस्ट ही निकल रही है। नए नियम सॉफ्टवेयर पर शनिवार आधी रात के बाद से आएंगे।  नए प्रावधानों को लेकर किसी को यह आशंका नहीं होनी चाहिए कि इन नियमों की आड़ में उत्पीड़न होगा। निश्चित रूप से नियमों का पालन कड़ाई से कराया जाएगा, लेकिन यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि मनमाने ढंग से कोई कार्रवाई न होने पाए।
    वीरेंद्र कुमार मिश्र, एसपी  अम्बेडकर नगर
    यह है जुर्माना चार्ट अपराध नई दर पुरानी दर
    1-बिना डीएल के वाहन चलाना 5 हजार रुपये 1 हजार रुपये
    2-बगैर डीएल के वाहन चलवाना 5 हजार 500 रुपये 3-डीएल की समय समाप्त होने पर 10 हजार 500 रुपये
    4-ओवर स्पीड (हल्के वाहन) 1 जार 400 रुपये 5-ओवर स्पीड भारी वाहन 2 हजार 400 रुपये 6-खतरनाक तरीके से वाहन चलाना 5 हजार 1 हजार 7-शराब पीकर वाहन चलाना 10 हजार 2 हजार 8-बिना अनुमति रेस करना 5 हजार रुपये 500 रुपये 9-बगैर पंजीयन के वाहन चलाना 5 हजार रुपये कुछ नहीं
    10-बिना फिटनेस के वाहन चलाना 5 हजार रुपये कुछ नहीं
    11-बगैर परमिट के वाहन चलाना 10 हजार रुपये 5 हजार
    12-ओवरलोड वाहन चलाना 20 हजार रुपये 2 हजार रुपये
    13-प्रतिटन ओवरलोड 2 हजार रुपये कुछ नहीं 14-गाड़ी वजन कराने से मना करने पर 40 हजार रुपये 3 हजार रुपये
    15-वाहन से बाहर सामान निकलना 20 हजार रुपये कुछ नहीं
    16-इमरजेंसी वाहन को रास्ता न देना 10 हजार रुपये कुछ नहीं
    17-नाबालिग द्वारा बाइक चलाना 25 हजार रुपये कुछ नहीं

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